रसूल अल्लाह ﷺ का यह बयान हर एक इंसान को पढना और शेयर करना चाहिए… हमारे नबी ﷺ का नाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम है, जो पीर के दिन, सुबह सादिक़ के वक़्त 12 रबीउल अव्वल, बमुताबिक़ 20 अप्रैल 571 ईसवी, मुल्क अरब के शहर मक्का शरीफ़ में पैदा हुए. आपके वालिद का नाम हज़रत अब्दुल्लाह और वालिदा का नाम हज़रत आमना है और दादा का नाम अब्दुलमुत्तलिब है और नाना का नाम वहब है. अल्लाह तआला ने आपको मेराज अता फ़रमाई यानी अर्श पर बुलवाया, जन्नत, दोज़ख़ अर्श और कुर्सी वग़ैरह की सैर करवाई, अपना दीदार आँखों से दिखाया, अपना कलाम सुनाया, यह सब कुछ रात के थोड़े से वक़्त में हुआ. कब्र में हर एक से आपके बारे में सवाल किया जाता है. क़यामत के दिन हश्र के मैदान में सबसे पहले आप ही शफ़ाअत करेंगे. सारी मखलूक़ अल्लाह की रज़ा चाहती है और,अल्लाह हमारे प्यारे नबी-ए-करीम ﷺ रज़ा चाहता है और आप पर दुरुदों सलाम भेजता है. अल्लाह ने अपने नाम के साँथ आपका नाम रखा, कलमा, अज़ान, नमाज़, क़ुरान में, बल्कि हर जगह अल्लाह के नाम के साँथ हमारे प्यारे नबी -ए-करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का नाम मौजूद है.और क़यामत तक रहेगा अल्लाह त
*अल्लाह नाराज हो तो क्या होता है?* *______________________________* बहुत सोचने और डरने वाली बाते, देखे कही हम तो इनमे शामिल नही-: महसूस और ना महसूस होने वाली सजाए किसी तालिब इल्म ने अपने उस्ताद से कहा- हम कितने गुनाह करते है ना और अल्लाह हमे सजा नही देता ! उस्ताद मोहतरम ने फौरन जवाब दिया -> ये भी सजा है के अल्लाह हमे सजाए देता है और हमे महसूस नही होता ! ●तुम्हारी दिल की सख्ती और आंसू का खुश्क हो जाना क्या इस बात की गवाही नही के अल्लाह तआला तुम से नाराज है? ? ●नेक सालेह आमाल की तरफ कदम बढाने मे काहिली क्या इस बात की गवाही नही है कि अल्लाह तआला तुमसे नाराज है? ? ● तुम्हे कुरान करीम की तिलावत छोडे जो हफ्ते और महीने बीत जाते है क्या इस बात की गवाही नही के अल्लाह तुमसे नाराज है? ? ● कितनी बार ये आयात तुम्हारी नजरो से गुजरने के बाद भी तुम अंजान बने रहते हो? ? " अगर ये कुरान हम किसी पहाड पर नाजिल फरमाते तो वो अल्लाह के खौफ से रेजा रेजा हो जाता" कितनी तवील राते तुम्हारी जिंदगी मे गुजरती रही लेकिन कयामुल्लैल की नवाफिल से महरूम रहना क्या इस बात की गवाही नही के अल्
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ* *اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ* *_नबी किसे कहा जाता है ?_* नबी का लफ्ज़ या तो "नबावह" से बना है जिसका मतलब होता है बुलन्दी मर्तबा और या यह लफ्ज़ बना है "नबा" (बा-साकिन) से जिस का मतलब होता है खबर देना ज़ाहिर करना। और या यह लफ्ज़ बना है "नबाह्" से जिसका मतलब होता है मख़फ़ी आवाज़। पहले मायने के लिहाज़ से नबी को "नबी" इसलिये कहते है कि तमाम मख्लूक़ से बुलन्द मर्तबा रखता है। दूसरे मायने के लिहाज़ से कि वह हक़ बात को ज़ाहिर करता है और गैबी खबरें देता है और तीसरे मायने के लिहाज़ से वह वही (क़ुरआन) को सुनता है जो आवाज़ दूसरों पर मख़फ़ी होती है। इसी तरह एक एहतेमाल यह भी है कि यह लफ्ज़ असल में नबीया हो तो उस वक़्त मायने होता है रास्ता, इस सूरत में नबी को नबी कहने की वजह यह होगी कि अल्लाह और मख्लूक़ के दरमियान वास्ता होता है जिस तरह रास्ता मन्ज़िले मक़सूद तक पहुचने का ज़रिया होता है इसी तरह अम्बियाए किराम عليه السلام रब का कुर्ब हासिल करने और मन्ज़िले मुराद को पाने का ज़रिया और वास्ता होते है। यह तो
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