Waleema kitne dinon me kar dena chahiye

*🌟सैयदना इमाम मुहम्मद ग़ज़ाली रदियल्लाहु तआला अन्हो* "किम्या ए सआदत" में इरशाद फ़रमाते है-::
_वलीमा में ताख़ीर(देरी) करना ठीक नही अगर किसी शरअई वजह से ताख़ीर हो जाए तो एक हफ़्ते के अंदर अंदर वलीमा कर लेना चाहिये उस से ज़्यादा दिन गुजरने न पाये !_
*📚(कीम्या ए सआदत, सफ़ा नम्बर 261)*
*📖हदीस-::* हज़रत इब्ने मसऊद रदियल्लाहु अन्हो से रिवायत है के *नबी ए करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम* ने इरशाद फरमाया--
_पहले दिन का खाना(यानी सुहाग रात के दूसरे रोज वलीमा करना) वाजिब है ! दूसरे दिन सुन्नत है ! और तीसरे दिन का खाना सुनाने और शोहरत के लिए है ! और जो कोई सुनाने का काम करेगा अल्लाह तआला उसे सुनाएगा ! यानी की उसे सज़ा मिलेगी ! इमाम तिर्मिज़ी रदियल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते है "यह हदीस ग़रीब व ज़ईफ़ है" !_
*📚(तिर्मिज़ी शरीफ, जिल्द 1, बाब नम्बर 746, हदीस नम्बर 1089, सफ़ा 559)*
*📖हदीस-::* हज़रत अबू हुरेरह रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है की हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया--::
_"जो दावत कुबूल न करे उसने अल्लाह और उसके रसूल की नाफ़रमानी की "!_
*📚(बुखारी शरीफ़, जिल्द 3, बाब 102, हदीस 163, सफ़ा 88

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