چاندنی چار دن کی ہے لوگو یہ جوانی بھی فانی ہے سن لو۔۔۔۔۔عاقبت اپنی اچی بنا لو زندگی کا بھروسہ نہیں ہے۔ عظمت انصاری
Huzoor sallallahu alaihi wasallam ke bare me
रसूल अल्लाह ﷺ का यह बयान हर एक इंसान को पढना और शेयर करना चाहिए… हमारे नबी ﷺ का नाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम है, जो पीर के दिन, सुबह सादिक़ के वक़्त 12 रबीउल अव्वल, बमुताबिक़ 20 अप्रैल 571 ईसवी, मुल्क अरब के शहर मक्का शरीफ़ में पैदा हुए. आपके वालिद का नाम हज़रत अब्दुल्लाह और वालिदा का नाम हज़रत आमना है और दादा का नाम अब्दुलमुत्तलिब है और नाना का नाम वहब है. अल्लाह तआला ने आपको मेराज अता फ़रमाई यानी अर्श पर बुलवाया, जन्नत, दोज़ख़ अर्श और कुर्सी वग़ैरह की सैर करवाई, अपना दीदार आँखों से दिखाया, अपना कलाम सुनाया, यह सब कुछ रात के थोड़े से वक़्त में हुआ. कब्र में हर एक से आपके बारे में सवाल किया जाता है. क़यामत के दिन हश्र के मैदान में सबसे पहले आप ही शफ़ाअत करेंगे. सारी मखलूक़ अल्लाह की रज़ा चाहती है और,अल्लाह हमारे प्यारे नबी-ए-करीम ﷺ रज़ा चाहता है और आप पर दुरुदों सलाम भेजता है. अल्लाह ने अपने नाम के साँथ आपका नाम रखा, कलमा, अज़ान, नमाज़, क़ुरान में, बल्कि हर जगह अल्लाह के नाम के साँथ हमारे प्यारे नबी -ए-करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का नाम मौजूद है.और क़यामत तक रहेगा अल्लाह त
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